लौंग का तेल दांत, मसूड़ों में दर्द और मुंह में अल्सर के लिए खासतौर पर उपयोगी होता है। यह सांसों की बदबू को दूर करने का काम करता है। दांत में दर्द होने पर लौंग के तेल की कुछ बूंदें फाहे पर डालकर दर्द वाले हिस्से पर रखें आराम मिलेगा।
एंटीसेप्टिक गुणों के कारण यह चोट, घाव, खुजली और संक्रमण में भी काफी उपयोगी होता है। इसका उपयोग कीटों के काटने या डंक मारने पर भी किया जाता है लेकिन संवेदनशाल त्वचा पर इसे नहीं लगाना चाहिए।
लौंग के तेल का इस्तेमाल मुंहासे के उपचार में भी किया जाता है।
अपने विशिष्ट गुण के कारण यह मानसिक दबाव और थकान को कम करने का काम करता है। यह अनिद्रा के मरीजों और मानसिक बीमारियों जैसे कम होती याददाश्त, अवसाद और तनाव में उपयोगी होता है।
लौंग के तेल में नमक मिलाकर सिर पर लगाने से ठंडक का एहसास होता है। नारियल के तेल में लौंग के तेल की 8-10 बूंदें डालकर सिर पर मालिश करने से सिरदर्द जाता रहता है।
एंटीसेप्टिक गुणों के कारण यह चोट, घाव, खुजली और संक्रमण में भी काफी उपयोगी होता है। इसका उपयोग कीटों के काटने या डंक मारने पर भी किया जाता है लेकिन संवेदनशाल त्वचा पर इसे नहीं लगाना चाहिए।
लौंग के तेल का इस्तेमाल मुंहासे के उपचार में भी किया जाता है।
अपने विशिष्ट गुण के कारण यह मानसिक दबाव और थकान को कम करने का काम करता है। यह अनिद्रा के मरीजों और मानसिक बीमारियों जैसे कम होती याददाश्त, अवसाद और तनाव में उपयोगी होता है।
लौंग के तेल में नमक मिलाकर सिर पर लगाने से ठंडक का एहसास होता है। नारियल के तेल में लौंग के तेल की 8-10 बूंदें डालकर सिर पर मालिश करने से सिरदर्द जाता रहता है।
रोगन लोंग (करनफल) तेल परिचय एवं प्रयोग
https://youtu.be/NvrRrHglw80
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