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वाजीकरण का महत्व

वाजीकरण का महत्व
विवाहित पुरुषों के लिए 'वाजीकरण औषधियों का अत्याधिक महत्व है वाजीकरण द्वारा
रोगी, निर्बल व नपुंसक पुरुष भी कामशक्ति सम्पन्न और वीर्यवान हो जाते हैं। यदि स्वस्थ पुरुष भी
इन औषधियों का यथोचित सेवन करे तो अपना यौन जीवन और भी अधिक सुखमय व समधुर बना
सकते हैं । पौरुषहीन को पौरुष प्रदान करना तथा स्वस्थ्य व्यक्ति के यौन आनन्द में वृद्धि करना वाजीकरण औषधियों का प्रधान कार्य है।
स्त्री संसर्ग में हर्ष का अभाव और कामशक्तिहीनता (Impotency) को दूर कर
कामेच्छा और उत्साह में वृद्धि करना, क्षीणपुंसत्व शक्ति वाले व्यक्तियों में प्रशस्त शुक्र की पुष्टि
पुरुष को मैथुनशक्ति सम्पन्न बनाना वाजीकरण का मुख्य उद्देश्य है ।
ध्वजभंग में लिंगेन्द्रियों में उत्थान की कमी द कामोत्तेजना के अभाव को दूर कर कामोद्दी
करना, लिंग में जोश व दृढ़ता (सख्ती) पैदा करना, शारीरिक शक्ति व मानसिक उत्साह में व
करना 'वाजीकरण औषधियों का महत्वपूर्ण गुण है।
शुष्क व क्षीणवीर्य पुरुषों में वीर्योत्पादन करना, अल्पवीर्य होने पर शुक्रवृद्धि करना, दुष्ट
के दूषित घटकों को दूर कर वीर्य को शुद्ध व गाढा बनाना. वीर्य को निर्दोश व निर्मल कर पुरुष
सन्तानोत्पत्ति के योग्य बनाना 'वाजीकरण चिकित्सा के अन्तर्गत ही आता है।

अपत्य संतानकर यत् सघः सप्रहर्षमण ।
वाजीवातिबलो येन यात्यप्रतिहतः स्त्रियः ।।

उकत शास्त्रोक्ति 'वाजीकरण' की अत्याधिक महत्तत्ता को प्रकट करती है । इस श्लोक
अपत्य संतानकर' शब्द गंभीर अर्थ लिये हुए हैं। इसका अर्थ है - पुत्र , पौत्र, प्रपौत्र, आदि संता
(अपत्य) का विस्तार करना । दूसरे शब्दों में संतानहीन पुरुष भी यदि शास्त्रोक्त विधि-विधान
वाजीकरण औषधियों का सेवन करे तो संतान उत्पन्न करने के योग्य हो जाता है । अर्थात् उस
अपत्य (संन्तान) पुत्र, पौत्र आदि वंशवृद्धि करने का सामर्थ्य उत्पन्न जाता है । इसके अतिरिक
शीघ्र ही हर्ष व कामोत्तेजना पैदा करने वाली इन औषधियों के सेवन से पुरुष अप्रतिहत वेग वा
शक्तिशाली घोड़े के समान मैथुनशक्तिसम्पन्न होकर अनेकों स्त्रियों के साथ रमण (भोग) करने
सामर्थ हो जाता है।

_वाजीकरण औषधियों के सेवन से पुरुषों में बल, वीर्य, पुष्टि, कांति व सौभाग्य में वृद्धि हो
है। कामदेव के समान अनुपम सौन्दर्य प्रदान करने वाली इन औषधियों का नित्य सेवन करने वाल
पुरुष तरुणमयी सुन्दर स्त्रियों में विशेष प्रिय हो जाता है। अतुलित कामशक्ति व रतिआनन्द में अती
वृद्धि करने वाली वाजीकरण औषधियों के इन्हीं गुणों के कारण यह प्राचीन काल से ही रसिक
विलासी पुरुषों को विशेष प्रिय रही हैं।

वाजीकरण सेवन कब?
ध्वजभंग (नपुंसकता) के रोगियों तथा काम शक्ति हीनता का अनुभव करने वाले पुरुषों
चिकित्सक के परामर्शनुसार तुरन्त रोग मुक्ति का उपाय करना चाहिए । देश काल, वातावरण
अपनी शारीरिक प्रकृति को ध्यान में रखकर यथोचित वाजीकरण औषधियों का प्रबन्ध करना चाहि
 किन्तु स्वस्थ व्यक्तियों को भी अपने ओज-बल की रक्षा तथा यौनशक्ति की वृद्धि हेतु प्रतिव
शीतकाल में पौष्टिक, शक्तिप्रद और वाजीकरण द्रव्यों का सेवन अवश्य करना चाहिए ।


वाजीकरण कितना आवश्यक ?
यदि आप देखने में सुन्दर लगने वाली, आकर्षक, स्वभाव में सुशील, मधुरभाषिणी
बोलने वाली) मनोरमा स्त्री के स्वामी (पति) हैं । यदि आपकी पत्नी का आपसे प्रगाढ प्रेम ह
वह आपको जी जान से पूरी तरह समर्पित है, तो आपको वाजीकरण की आवश्यकता नहीं है।
सुन्दर व युवा पत्नी पुरुष के लिए श्रेष्ठ टॉनिक के समान है। हाव-भाव में निपुण, चतुर व
स्त्रियां अपने पति को सदैव उत्साहित व युवा बनाये रखती हैं।


इसके साथ ही यदि आप आहार-विहार का सही ध्यान रखते हुए अपने शरीर को स्वर
बनाये हुए है, संतुलित व पोषक आहार का नियमित सेवन करते हैं और मर्यादा से अधिक कामसेवन
(सम्भोग में अति) नहीं करते तो आपको युवावस्था में कामशक्तिहीनता का अनुभव नहीं होगा।
आप पूरी तरह से स्वस्थ हैं। आपमें पर्याप्त यौनशक्ति व मन में उत्साह विद्यमान है।
किन्तु आप वृद्धावस्था तक इसी प्रकार कामशक्तिसम्पन्न व स्वस्थ बने रहना चाहते हैं तो प्रतिवर्ष
शीतकाल के दिनों में पुष्टिदायक व वाजीकरण द्रव्यों का सेवन करते रहना चाहिए।
यदि आप सुन्द व आकर्षक पत्नी के रहते भी काम (Sex) के प्रति उदासीन हैं। स्त्रियों के रूप
सौन्दर्य के दर्शन करने, इनके स्पर्श व वार्तालाप आदि से आप में कामभाव (उत्तेजना) जागृत नहीं
होती, तो आपको कामोत्तेजक वाजीकरण औषधियों की आवश्यकता है। यदि आप बचपन के कुटैवों
के कारण नपुंसक हो चुके हैं। यौवन के मद में अत्याधिक स्त्री भोग के कारण वीर्यबल को क्षीण कर
चुके हैं, तो आपको तुरन्त 'वाजीकरण चिकित्सा' अपनानी चाहिए। यदि आप शारीरिक रोगों व
मानसिक दुर्बलता के कारण कामशक्तिहीनता का अनुभव करने लगे हैं या ढलती आयु में भी आप
यौवन का खूब आनन्द उठाने के इच्छुक हैं, तो इन वाजीकरण औषधियों का सेवन करने से आपको
अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी।
अविवाहित और वृद्ध पुरुषों को वाजीकरण औषधियों का सेवन नहीं करना चाहिए ।
कामोत्तेजक औषधियाँ केवल विवाहित पुरुषों के लिए ही लाभदायक हो सकती है। अविवाहित
युवकों को पुष्टिकारक तथा वृद्ध व्यक्तियों को 'रसायन औषधियों का सेवन कर अपने स्वास्थ्य की
रक्षा करनी चाहिए।


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